Note( Mai & Baba = same)
मैं
घर से बहार
निकलकर रस्ते में कही जा रहा है
( थोड़ा तैयार होके)
४
सेकंड बाद किसी का कॉल आता
है, रिंगटोन
बजेगा MI का ३ सेकंड
बाद कॉल उठा लिया जाता है.
हाल
चाल होता है, फिर उधर से पूछा जाता
है की कहा हो,
बाबा- बस ऐसे
ही आज ऑफिस नहीं
गया
बॉस
london गयी हैं कल
तो आज ऑफिस बंद
है तो
मेने सोचा संजय
भाई से मिल आऊं.....
हां
हां बाकी सब अच्छा है
, और बताओ बच्चो की पढ़ाई केसी
चल रही है....
चलो
ठीक है अच्छा बात
करेंगे फिर
ओके.
तबतक
पहुंच जाता हु.
शनि
कपडे पहन के तैयार है
स्कूल जाने के लिए,
की
उसके पापा ( संजय ) उसको स्कूल छोड़ने ले जाये.
और
हनी उदास भाव से गहरी थोड़ी
उत्सुकता से शनि को
देख रही है
दम्पति
में बच्ची को भी स्कूल
जाने की बात को
लेकर तू तू में
में हो रही है
, कुछ देर तक तो मै
कुछ बोल नहीं पाया थोड़ा बहुत सुनने के बाद मुझे
समझ आया की बात क्या
है, फिर जैसा की संजय भाई
अपने ख़ास मित्र हैं ,. मेने मामले में दखल देना जरूरी समझा और फिर अनजान
बनते हुए पुछा
- भाई क्या बात है क्यां
इतनी
देर से कहा सुनी
हो रही है ?
संजय
बड़े ही यकीन के साथ मुझे समझाने लगे - अरे
देखो यार मनीष ये इसकी मम्मी
को ये पूरी पागल
है ....और बहुत कुछ
बकते गए .
लड़की
है घरेलु काम सीख ले अच्छे से
खाना पीना बनाना , क्या करेगी इतना पढ़ के
कोण
सा इसने DM बनना है, और वैसे भी
लड़कियां होती
हैं घर की इज्जत,
इनको अंदर ही रहना चाइये
ताकि कल को हमारी
इज्जत पे कोई....
इतना
सुन के मेने उनकी
बातों को काटते हुए
बोला - अरे पढ़ना चाह रही है तो पढ़ने दो ना , पढ़ेगी तो
कुछ करेगी ही..
संजय-
करेगी ?
......... क्या
करेगी टाइम
पास करेगी घर का काम
करने से बचेगी, और
क्या करेगी,
अरे
यार पढ़े लिखे लड़कों का तो आजकल कुछ
भी कर पाना इतना
मुश्किल हो गया है
तो भला ये क्या करेगी. और
वैसे भी लड़की तो
लड़की होती है यार मुझे
कुछ समझ नहीं आ रहा है.
मैं-
भाई ऐसा बिलकुल नहीं है . तुम्हे ऐसा नहीं सोचना चाहिए , सोचो अगर हर कोई आपकी
तरह सोचने लग जाये तो
इस देश का और समाज
का क्या होगा.
क्या
तुमने इतिहास पढ़ा है ? मैंने पूछा , क्या पुराने परम्पराओं के बारे में
सुना है ?
संजय
- हां ज्यादा तो नहीं पता
है पर थोड़ा बहुत
जरूर पता है,
मेने
पूछा क्या पता है ?
संजय
- यही की पुराने समय
में बच्चे
गुरुकुल में पढ़ते थे और भी
ऐसे ही..सब.
मैंने
बोला - और नहीं जानते
, बाल विहाह , सती प्रथा , स्त्रियों की निम्न स्थिति
इन सबके बारे में नहीं पता क्या,?
उसने
बोला - हाँ सुना है मेने भी
........
मी
- फिर बोलो , पहले ठीक
था या अब ठीक
है?
आज
हर क्षेत्र में देखो जहां आप लड़को को
देख रहे होंगे वह लड़कियों को
भी देख रहे होंगे ,
सही
है या गलत ?
हाँ
है तो .. अपर .....
Me - पर
क्या ? कहाँ से आये ये
.?
He - वो
तो ठीक है पर यार
हमारे घर का ये
सब रीति
रिवाज नहीं था ,
Me - रीति
रिवाज क्या है , किस लिए बनाई गयी है
,
he - देख
रहे हैं चुपचाप ....
ये
हमारी और हमारे
समाज की भलाई के
लिए बनाई गयी थी
लेकिन
अब मै ये नहीं
कह रहा
हु अपना रीति रिवाज छोड़ दो,
पर
समय के अनुशार उसमें
परिवर्तन लाना भी आवश्यक है
,
अच्छा
आप ही बताओ स्त्रियों की की
स्थिति तब अच्छी थी
अब ठीक है?
क्या
उनको अपने अनुशार जीने का अधिकार नहीं
क्या ?
शुरू
से ही वो दबी
तो क्या अब भी दबी
रहे ?
he - कुछ
देर तक मुझे देख
रहें है ........
फिर गहरी सांस लेते हुए अपनी लड़की की तरफ देखते
हैं.
हाँ यार हमें भी सोचना चाहिए
इसपर........
Me - सोचना
चाहिए नहीं सोचो , सोच बदलो तभी देश और समाज बदलेगा.
फिर
वो खड़े होतें है और मुझे
धन्यवाद करने का भाव प्रकट
करते हैं और धन्यवाद् करते
हैं.
मेने
बोलै - अभी
मुझे धन्यवाद बोलने की आवशकता नहीं
है , नई सोच पर
अमल की आवशयकता है.
फिर
वो उठते हैं और उत्साह के
साथ लड़के के साथ लड़की
को भी स्कूल चलने
की तैयारी करवाते
हैं.
Save the
daughter, educate the daughter -
by. S. Siddharthi